शासकीय एकलव्य महाविद्यालय, डौंडीलोहरा की स्थापना जुलाई 2006 को 25 विधार्थियों के साथ हुई | स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण तथा आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्र के विधार्थियों को उच्च शिक्षा का लाभ मिल सके | महाविद्यालय का नाम मई 2008 से परिवर्तित कर शासकीय एकलव्य महाविद्यालय, डौंडीलोहारा रखा गया| यह महाविद्यालय हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग से संबद्ध है | महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर तीन संकाय कला, वाणिज्य एवं विज्ञान (जीव विज्ञान, सूक्ष्मजीवविज्ञान व गणित) तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम.ए. हिन्दी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास विषय पर अध्यापन व्यवस्था है| महाविद्यालय में पंडित सुंदर लाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र संचालित है जिसमें दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की सुविधा है| यहाँ पाठ्यक्रम के साथ-साथ पाठ्येत्तर गतिविधियों को नियमित रूप से वर्ष भर आयोजित किये जाते हैं| राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भागीदारी दे कर साक्षरता और स्वच्छता सम्बंधी जागरूकता फ़ैलाने के मिशन के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से विशेष शिविर आयोजित किये जाते हैं| महाविद्यालय में वर्तमान शिक्षा सत्र में 761 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं| महाविद्यालय में अच्छी पुस्तकों से सुसज्जित पुस्तकालय की व्यवस्था हैं, जहाँ पाठ्य पुस्तक के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये पुस्तकें उपलब्ध हैं| यह महाविद्यालय राजनांदगांव से दक्षिण दिशा में दल्ली राजहरा रोड पर 35 कि.मी. तथा बालोद जिला मुख्यालय से पश्चिम दिशा में 18 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं|